Saturday, 24 June 2017

आरक्षण क्यों ?





आरक्षण क्यों जरुरी है

जो बोलते है आरक्षण की वजह से जॉब नही मिल रही वो अवश्य जानले कि तुम्हारी जॉब कोन हडप रहा है..

देश का SC/ST/OBC समाज जिनकी संख्या (87.5%) है वो अब जाग गया है  

भारत में लोकतंत्र लागू है पर सरकारों ने यहां ब्राह्मणतंत्र स्थापित कर लिया है, ये रहे सबूत...

(1)
राष्ट्रपति - प्रणव मुखर्जी - ब्राह्मण

(2)
प्रधानमंत्री - नरेंद्र मोदी - बनिया

(3)
ग्रहमंत्री - राजनाथ सिंह - ठाकुर

(4)
विदेशमंत्री - सुषमा स्वराज - ब्राह्मण

(5)
वित्तमंत्री - अरूण जेटली - ब्राह्मण

(6)
रक्षामंत्री - मनोहर पारीकर - ब्राह्मण

(7)
सड़क एवं परिवाहन मंत्री - नितिन गडकरी - ब्राह्मण

(8)
महिला एवं बालविकास मंत्री - मेनका गांधी - वैश्य

(9)
लोकसभा स्पीकर - सुमित्रा महाजन - ब्राह्मण

(10)
प्रधानमंत्री के मुख्यसचिव - न्रपेंद्र मिश्रा - ब्राह्मण

(11)
राष्ट्रपति कार्यालय में कुल 49 अधिकारी काम करते है. जिनमें SC/ST/OBC के होने थे 45, जबकि है केवल 0.सामान्य के होने थे 5, जबकि है 49.

(12)
प्रधानमंत्री कार्यालय में कुल 53 अधिकारी काम करते है, जिनमें SC/ST/OBC के होने थे 47, जबकि हैं केवल 0. सामान्य के होने थे 6, जबकि है 53.

(13)
विदेशी दूतावास में कुल 140 अधिकारी काम करते हैं, जिनमें SC/ST/OBC के होने थे 91, जबकि है केवल 0, सामान्य के होने थे 21 , जबकि है 140.

(14)
भारत सरकार में कुल 84 सचिव हैं, जिनमें SC/ST/OBC के होने थे 75, जबकि है केवल 0. सामान्य के होने थे 8 , जबकि है 84.

(15)
भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुल 27 मंत्री हैं. जिनमें SC/ST/OBC के होने थे 24 , जबकि है केवल 1, सामान्य के होने थे 3, जबकि है 20.

टाप 10 मंत्रीयों में सो एक भी ओबीसी नहीं.

(16)
भारत में कुल 4657 आई..एस. हैं. जिनमें ओबीसी के होने थे 3027, जबकि हैं केवल 655. सामान्य के होने थे 699, जबकि है 2993.

(17)
देश के 18 राज्यों के हाईकोर्ट में कुल 481 जज हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 313, जबकि हैं केवल 36. सामान्य जाति को होने थे 72, जबकि है 426.

(18)
मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट में कुल 30 जज हैं. जिनमें से SC/ST/OBC के होने थे 20, जबकि है केवल 0. सामान्य जाति के होने थे 5 , जबकि है 30.

(19)
भारत के सुप्रीम कोर्ट में कुल 23 जज हैं. जिनमें ओबीसी के होने थे 15, जबकि हैं केवल 0. सामान्य जाति के होना थे 3, जबकि हैं 23.

(20)
भारत के 46 विश्वविद्यालयों में कुल 108 कुलपति हैं . जिनमें ओबीसी के होने थे 70, जबकि है केवल 0. सामान्य के होने थे 16, जबकि है 108

(21)
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU ) में कुल 670 प्रोफेसर हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 435, जबकि हैं केवल 0. सामान्य जाति के होने थे 100, जबकि हैं 670.

(22)
दिल्ली विश्वविद्यालय ( DU) में  कुल 249 प्रोफेसर हैं. जिनमें ओबीसी के होने थे 162, जबकि हैं केवल 0. सामान्य जाति के होने थे 37, जबकि हैं 249.

(23)
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कुल 470 प्रोफेसर हैं. जिनमें से ओबीसी के होने थे 305, जबकि हैं केवल 2. सामान्य जाति के होने थे 70, जबकि हैं 426.

(24)
आई.आई.एम. लखनऊ में कुल 40 प्रोफेसर हैं, जिनमें से ओबीसी के होने थे 26, जबकि हैं केवल 1. सामान्य जाति के होने थे 6, जबकि है 30.

वेला 


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Questions Paper@ IGNOU BPSC-133 : तुलनात्मक सरकार और राजनीति

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